हमें इंतजार तो था आपका, राह देख रहे थे हम
राह से गुजरे कई लोग उनमे आपको ढूंढ़ रहे थे हम
शाम जो ढलने लगी पंछी भी घरोंदे की और उड़ने लगे
हम तो राह में ही अटके और दुसरे अब हमें घूरने लगे
दिन में ही इतने तन्हा थे हम की रात से डर लगने लगा
बिस्तर की सिलवटो का ख्याल अब दिल में आने लगा
इक प्यार भरी नज़र ही काफी है आपकी, दिल के सकून के लिए
दे इस तन्हा जिन्दगी को इक मुसकराहट तसल्ली से जीने के लिए
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