आज फिर जन्म दिन की घड़ी आई
शुभचिंतको ने दी बधाई
आज सवेरे सवेरे बजी टेलीफोन की घंटी
मगर सुनाई न दी माँ की प्यार भरी आवाज
आज नहीं पूछा माँ ने क्या है आज ?
हर बार पूछती थी माँ आज के ही दिन
आज नहीं कहा माँ ने खा लेना मिठाई
आज नहीं मिला माँ के मुख से आशीर्वचन
शुभचिंतको ने दी बधाई
आज सवेरे सवेरे बजी टेलीफोन की घंटी
मगर सुनाई न दी माँ की प्यार भरी आवाज
आज नहीं पूछा माँ ने क्या है आज ?
हर बार पूछती थी माँ आज के ही दिन
आज नहीं कहा माँ ने खा लेना मिठाई
आज नहीं मिला माँ के मुख से आशीर्वचन
आज नहीं पूछा माँ ने कितना बड़ा हो गया
अब नहीं पूछेगी माँ मुझसे यह सब ……
कभी नहीं पूछेगी कभी नहीं .......
किन्तु मेरे कानों में गूंजः रही
माँ की आवाज .
माँ असमय छोड़ गयी , छोड़ गयी सिर्फ यादें
छोड़ गयी अमिट स्मृति अपनी
संजोये हुँ अपने मन में .
जीवन की यह डगर
माँ के आशीर्वाद से होगी पूरी
माँ !!! शत शत नमन !!!