देश मे क्या हो रहा है किस को खबर ? क्या हो रहा है किस को चिन्ता ? सब अपने मे मस्त है ....
गाहे बगाहे चिन्ता जाहिर कर देते हे और बस इतिश्री ......
क्या ऐसे ही चलेगा ? कर्तव्य से विमुख तो हो ही नहि सकते ना जनाब .....
बस इस दिल मै कुछ हलचल होती है उसी को आपके सामने रख्नने की इच्छा लिये हाज़िर हु
मै हू न ना बतियाने को ..........................